छत्तीसगढ़ के गंगरेल में पहले ‘आदिवासी परिपथ’ विकास परियोजना की शुरुआत की गई। इस योजना के दायरे में छत्तीसगढ़ के जशपुर, कुंकुरी, माइनपत, कमलेशपुर, महेशपुर, कुरदार, सरोदादादर, गंगरेल, कोंडागाँव, नाथिया नवागाँव, जगदलपुर, चित्रकूट और तीर्थगढ़ शहर आते हैं।
99.21 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना को पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी 2016 में मंज़ूरी प्रदान की थी। यह स्वदेश दर्शन योजना के तहत शुरू की जाने वाली इस तरह की देश की दूसरी परियोजना है।
पहली परियोजना का नाम ‘पूर्वोत्तर सर्किट विकासः इम्फाल और खोंगजोंग’ है। जिसे मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा ए. हेपतुल्ला 14 अगस्त, 2018 इंफाल में उद्घाटन किया था। परियोजना में दो स्थल- कांगला फोर्ट तथा खोंगजोंग को कवर किया गया है।
स्वदेश दर्शन:
- स्वदेश दर्शन पर्यटन मंत्रालय की सबसे अहम परियोजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत एक विषय पर आधारित पर्यटन परिपथों का योजनाबद्ध ढंग से विकास किया जाना है।
- इस योजना को 2014-15 में आरंभ किया गया था और अभी तक मंत्रालय ने 31 राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों में 5997.47 करोड़ रुपए की लागत की 74 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
- आदिवासियों एवं आदिवासी संस्कृति के विकास पर पर्यटन मंत्रालय विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है और स्वदेश दर्शन योजना के तहत इन क्षेत्रों में पर्यटन के ढांचे का विकास कर रहा है।
- आदिवासी परिपथ विषय के तहत मंत्रालय ने नगालैण्ड, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में 381.47 करोड़ रुपए की लागत से 4 योजनाओं को मंज़ूरी दी है।