जम्मू कश्मीर आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत देश में सबसे अधिक गोल्डन कार्ड जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। इस योजना के शुरू होने के पहले 90 दिन के अन्दर 11 लाख से अधिक गोल्डन कार्ड जारी किये गये हैं। इसके अंतर्गत साठ प्रतिशत परिवारों को कम से कम एक गोल्डन कार्ड दिया गया।
आयुष्मान भारत स्कीम:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 21 मार्च, 2018 को केंद्र प्रायोजित ‘आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन’ (एबी-एनएचपीएम) (Ayushman Bharat -National Health Protection Mission (AB-NHPM) को मंजूरी दी थी।
- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आयुष्मान भारत के तहत यह केंद्रीय क्षेत्र की घटक स्कीम है। इस स्कीम के तहत प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का बेनिफिट कवर प्रदान की गई है।
- पहले से चली आ रही दो केंद्रीय योजनाओं; राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) व वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना (एचसीएचआईएस) का इस योजना में योजना में विलय कर दिया गया है।
प्रमुख विशेषताएं:
5 लाख रुपये प्रति परिवारः
- इस मिशन का परिभाषित लाभ कवर 5 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष होगा।
- इसमें सभी प्रकार के द्वितीयक व अधिकांश तृतीयक देखभाल प्रक्रिया शामिल हो जाएगी।
- चूंकि इस स्कीम के लाभ से कोई वंचित नहीं रह जाये (खासकर महिला, बच्चे एवं बुजुर्ग), इसलिए परिवार के आकार एवं उम्र की कोई सीमा नहीं होगी।
- लाभ कवर में पूर्व व उतर अस्पताल व्यय में शामिल होगा।
- लाभार्थियों को परिभाषित अस्पताल में भर्ती होने के प्रत्येक समय का परिवहन भत्ता भी प्रदान किया जाएगा।
- देश भर में पोर्टेबलः यह स्कीम संपूर्ण देश में पोर्टेबल होगी। साथ ही लाभार्थियों को देशभर के सरकारी/निजी अस्पतालों में नकदरहित लाभ उठाने की अनुमति होगी।
- यह पात्रता आधारित स्कीम होगी जिसका निर्धारण सामाजिक-आर्थिक जनगणना होगी।
लाभार्थीः
- ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न लाभार्थी परिवारों में शामिल होंगे; केवल एक कमरे का कच्ची दीवार व कच्चा छत वाला मकान, परिवार में 16 से 59 वर्ष के बीच का कोई वयस्क सदस्य नही हो, महिला के अभिभावकत्व वाला परिवार जिसमें 16 से 59 वर्ष के बीच कोई वयस्क पुरुष सदस्य नहीं हो, दिव्यांग सदस्य वाला व परिवार में कोई गैर-विकलांग वयस्क सदस्य नहीं हो, एससी/एसटी परिवार, भूमिहीन परिवार जिनकी आय का बड़ा स्रोत अनौपचारिक श्रम है।
- इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के वे सभी परिवार योजना में स्वतः शामिल होंगे जो; आवासविहीन, आश्रयहीन, भिक्षा पर निर्भर, मैला ढ़ोने वाले, आदिम आदिवासी समूह, कानून रूपी से मुक्त कराये गये बंधुआ मजदूर।
- शहरी क्षेत्र में 11 परिभाषित पेशा से जुड़े लोगों को योजना का लाभ मिलेगा।
- इस स्कीम के तहत लाभार्थी सभी सरकारी अस्पतालों तथा पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में स्कीम का लाभ उठा सकेंगे। बेड उपलब्ध होने की दशा में ईएसआईसी के अस्पताल भी स्कीम में शामिल हो सकेंगे।
संस्थानों की स्थापनाः
- केंद्र एवं राज्य के बीच समन्वयन व नीति को दिशा देने हेतु सर्वोच्च स्तर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में ‘आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन काउंसिल’ (AB-NHPMC) की स्थापना की जाएगी।
- आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन गवर्निंग बॉडी (AB-NHPMGB) की भी स्थापना की जाएगी जिसकी सह-अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव व नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) करेंगे।
- ‘आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन एजेंसी’ (AB-NHPMA) की स्थापना सोसायटी के रूप में की जाएगी जो मिशन को संचालकीय स्तर पर प्रबंधन करेगी। इसकी अध्यक्षता सचिव/अतिरिक्त सचिव स्तर के पूर्णकालिक सीईओ करेंगे।
- राज्य स्तर पर ‘स्टेट हेल्थ एजेंसी’ (SHA) की स्थापना की जाएगी।